शब्दों की दुनिया: क्या तुम्हें देश के आज़ाद होने की खुशी नहीं है?
DESH KITNA AZAD HAI , KITNA BARBAD HAI...CHARCHA AAM HAI...PAR KABHI SOCHA HAI ISMAEA HAMARA KITNA HANTH HAI...NAHIN SOCHA TO SOCHO...JAI HIND...
It begins with self
6 days ago
सोचा है, और बहुत सोचा है। मेरे ब्लॉग पढ़ते रहिए, जान जाएंगी....
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