Monday, November 25, 2013

स्टिंग की जरूरत ‘यहां’ नहीं ‘वहां’ है
विश्वामित्र बेहद चरित्रहीन व्यक्ति थे। अगर ऐसा कहें तो न जाने कितने लोगों को त्योरियां चढ़ जाएंगी। चढ़ें भी क्यों नहीं? विश्वामित्र प्रकांड तपस्वी थे। जिस वक्त मेनका उनके पास पहुंची तब भी वो ध्यानमग्न थे। मेनका का मकसद था, विश्वामित्र की तपस्या भंग करना। मेनका को इस काम के लिए जरिया बनाया था, इंद्र ने। इंद्र विश्वामित्र की तपस्या से डरा हुआ था। खैर, मेरा मकसद पौराणिक कथाएं बांचने का नहीं है। आम आदमी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों का स्टिंग आपरेशन किया गया है। और उनके जरिए उन्हें लालची, भ्रष्टाचारी साबित करने की कोशिश की जा रही है। मैंने वो सारी स्क्रिप्ट पढ़ीं। इन स्क्रिप्ट से यही लग रहा है कि आप पार्टी के उम्मीदवारों से जबरन कुछ कहलवाने की कोशिश की जा रही है। क भी जमीन को कब्जे से छुड़ाने के लिए तो कहीं किसी धरने में शमिल होने के लिए। घूस देने के लिए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर यही लग रहा है कि लालच देकर आप पार्टी के उम्मीदवारों का ईमान खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्हें पार्टी के लिए चंदा देने की बात भी कही गई है। अब दोबारा हम विश्वामित्र और मेनका की कहानी की तरफ चलें। क्या विश्वामित्र चरित्रहीन थे? विश्वामित्र की तपस्या टूट गई थी, जबकि वो ऋषि, तपस्वी थे। इसके लिए विश्वामित्र को चरित्रहीन नहीं ठहराया जा सकता है। वैसे ही जबरन किसी का ईमान डिगाने की कोशिश करने पर एक आम व्यक्ति का ऽा्रमित होना बड़ी बात नहीं है। हाालंकि यहां पूरी स्क्रिप्ट से कहीं ऽाी नहीं लगता कि आप पार्टी के उम्मीदवारों ने किसी तरह की घूस ली या फिर किसी गलत काम में साथ दिया। हर कोई मर्यादा पुरोस्तम राम और उनके ऽााई लक्ष्मण नहीं है जो स्रूपनखा के अद्वितीय सौंदर्य के सामने ऽाी डिगे नही। जिम्मेदारी उन लोगों की ऽाी है जो ईमानदारों को पथऽा्रष्ट करने की कोशिश करते हैं। मैं हिमायत आप पार्टी की नहीं कर रही हूं। बस इतना बता रही हूं, इस तरह के फूहड़ स्टिंग करने से बेहतर होगा कि उन नकाबपोश लोगों के स्टिंग करें जो अपने नाम और पद का फायदा उठाकर अपने मातहत लोगों का मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह का शोषण करते हैं। न जाने कितने तरुण तेजपाल हर दफ्तर में बैठे हैं। हर महिला अपने कार्यस्थल पर शोषण का शिकार होती ही है। डिग्री कम ज्यादा होती है। भद्दे मजाक, टिप्पणियां, और भद्दी भावभंगिमा हर दफ्तर में सहनी पड़ती हैं। महिला अगर तेज तर्रार है तो लोग डरते हैं, लेकिन ऐसे में भरसक कोशिश होती है कि ऐसी महिला को चरित्रहीन साबित कर दिया जाए। खैर इस विषय पर मैं बात में बोलूंगी। गरीबों के लिए लाई मनरेगा जैसी योजना में घोटाला हो रहे हैं, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन हजम कर जाते हैं।